बुधवार, 27 अप्रैल 2011

नेताजी का बायोडाटा

अन्ना की नीयत में है खोट- सरकार का कहना है कि वह भ्रष्टाचार को लेकर एकदम सख्त है। इसका ताजा प्रमाण है कि वह लोकपालस्तोत्र का संसद के हर सत्र में पाठ करती है। और विष्वास करती है कि वह लोकपाल बिल इस जनम में नही तो अगले जनम में पास करवा हीं देगी। लेकिन अन्ना हजारे के अधैर्य ने सब गुर गोबड़ कर दिया। वैसे तो ये महानुभाव अपने को संत कहते हैं लेकिन धैर्य के मामले में गृहस्थ से भी गए गुजरे हैं। कारण कि जब सरकार बिल पास होने का चालिस-पचास साल इंतजार कर सकती है तो क्या वे संत हो कर एक-दो जनम नहीं कर सकते।

नेताजी का बायोडाटा- न जाने नेताओं को कौन-कौन सा दिन देखना पड़ेगा। अभी भ्रष्टाचार का षोर थमा हीं नहीं कि सुनने में आ रहा है कि उत्तरप्रदेष चुनाव में नेताओं को टिकट पाने के लिए पार्टी हाईकमान के पास बायोडाटा लेकर जाना पड़ रहा है। जीहूुजुरी का एफिडेविट प्रस्तुत करना पड़ रहा है। इतनी मेहनत तो नेताजी विद्यार्थी जीवन में भी नहीं किए थे। लेकिन नेजाजी सब दिन होत न एक समाना गाकर संतोष कर ले रहे हैं। और दंगा-फसाद कराने की अपनी क्षमता को पार्टी हाईकमान को समझा रहे हैं।

ज्यादा विनम्र होते हैं पुरूष- अबतक पुरूषों को अक्खड़ कहकर नाहक बदनाम किया जाता रहा है लेकिन ये पूरा इंडिया जानता है कि पुरूषों की बीवी के सामने बोलती बंद हो जाती है। षुक्र्र है क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के रिसर्च की जो पुरूषों की लाज रख दी। जो कहती है कि नम्रता पुरूषों का स्वभाविक गुण है। कारण कि वे अब लोगों को और खुद को समझा सकते हैं कि उनकी विनम्रता बीवी के डर के कारण नहीं है बल्कि बिनम्रता पुरूषों का स्वभाव है इसलिए है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें