शुक्रवार, 27 मई 2011

जनता के साथ हुआ है छल

जनता के साथ हुआ है छल
लगा नहीं एक पल
पेट्रोल का दाम बढ़ गया है भाई
आरही है मुझे रोआई
लग रहा है दहेज में मिला मोटरसाईकिल
अब भूसा हीं खाई
ममता तो जनता की ममता की लाज भी नहीं रख पाई
क्या पता था सत्ता मिलते हीं उनके सांप संूघ जाई
क्यों सरकार की उसने की नहीं खिंचाई
इस बार उसने क्यों आंख नहीं दिखाई
क्या यहीं है राजमद
क्या यहीं होता मिलने पर पद
अगर यहीं हाल रहा तो
दावा -दारू पर भी एक दिन टेक्स लग जाई
दवा के बिना जान हीं न जाई
वैसे जान रहके भी क्या हम पाईब
मुफ्त क माल उड़ाइब
बीबी के हांथ पिटाइ्र्रब
और पीके ठर्रा में नाली में गिर जाईब
फिर के घर पे आके मराईब
और सारी रात चिल्लाईब

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