शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012

ओबामा से सीखो वोट मांगना

अपने यहां वोट मांगने के तरीके निराले हैं। यहां मागने में भी बाहुबल का प्रयोग होता है।  ऐसा नहीं कि नेता हीं केवल वोट बाहुबल से मांगते हैं बल्कि आमजनों को बाहुबल के द्वारा मांगते देखा गया है। यहां नेतागण गला फाड़ फाड़ कर वोट मांगते हैं। कींचड़ उछालने का काम खुलेआम करते हैं। जबकि अमेरिका में यह काम षालीनता एवं सभ्य ढंग से किया जाता है। यानी किंचड़ उछालो मगर प्यार से। मेरा मानना है कि भारतीय नेताओं को ओबामा से वोट मांगने की कला सीखनी चाहिए। हमारे नेता कह सकते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है हम क्यों जाएं किसी और से सीखने। क्या अमेरिका वाले हमसे बुथ कैपचरिंग करना सीखे थे। अगर अमेरिका में बुथ कैपचरिंग प्रचलित होता तो क्या चुनाव आयोग भारत में बूथ कैपचरिंग को असंभव  बना देता। मेरा मानना है कि सीखने में बुराई नहीं है। ज्ञान कहीं से भी सीखा जा सकता है। वैसे भी हमारे नेता जब घोटाला करने सीख जाते हैं। तो वोट मांगने की कला सीखने में बुराई क्या है। 
वैसे भी अपुन की सरकार अमेरिकी नीतियों पर अमल करती हीं रहती है या करने का आरोप इसपर लगता है। और बार-बार सरकार को सफाई देनी पड़ती है कि ऐसी बात नहीं माननीय सदस्यों को कनफयूजन हो गया है। हम तो चीन या पाकिस्तान को बैलेंस केवल बैलंसे कर रहे हैं जैसा कि पाकिस्तान के नेता चीन यात्रा कर भारत एवं अमेरिका को बैलेंस करते हैं। 
अब आइए हम आपको अमेरिका ले चलते हैं जहां हमारे संवाददाता बड़ी खबर के साथ मौजूद हैं । वे आपको बताएंगे कि ओबामा चुनाव जीतने के लिए वहां क्या-क्या कर रहे है। लीजिए सुनिए उन्हीं की जुबानी। ओबामा अमेरिकी लोगों को बता रहे हैं कि भ्रष्टाचार के टीके की खोज अमेरिका के लिए अति आवष्यक है। 
क्या अमेरिका नए साल में यह कारनाम कर पाएगा? क्या विष्व राजनीति में वह फिर धाक जमा पाएगा। क्या ओबामा अपने नागरिकों को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए लोगों को मना पायेंगे। क्या विजय का परचम एक बार फिर ओबामा फहरा पायेंगे। इसका उत्तर भ्रष्टाचार के टीके की खोज में निहित है। अगर भ्रष्टाचार के टीके की खोज अमेरिका के लिए संभव हुआ तो नया साल अमेरिका होगा, नया साल ओबामा का होगा। नही तो बाजी कोई और मार ले जायेगा।
 भ्रष्टाचार के टीके की खोज ओबामा को अपनी उपलब्धि गिनाने के लिए आवष्यक है । हालांकि उनकी लोकप्रियता में पहले की अपेक्षा इजाफा हुआ है लेकिन ओबामा इसे जीत के लिए पर्याप्त नहीं मानते। अमेरिकी ओसामा के मारे जाने को उपलब्धि मानने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में ओबामा चाहते हैं कि भ्रष्टाचार के टीके की खोज जल्द से जल्द हो जाए। उनको डर है कि अगर भ्रष्टाचार के टीके की खोज  प्रतिद्वन्दी राष्ट् चीन ने कर दी तो उनकी लोकप्रियता  पाताल लोक को छू सकती है।
उनका यह भी मानना है कि भ्रष्टाचार का टीका अमेरिकी नागरिकों में यह एहसास जगाएगा कि विष्व राजनीति में उनका अभी वर्चस्व समाप्त नहीं हुआ है। और चीन के सम्राज्य विस्तार की बात हवा हवाई से ज्यादा कुछ नहीं है।
ओबामा ने अपनी योजना को अमलीजामा पहराने के लिए टीम भी गठित कर दी है। टीम ने 24 घंटे में 24 मीटींग करके भ्रष्टाचार के टीके के खोज को इमरजेन्सी घोड्ढित कर दिया है। साथ हीं एक स्वर से अमेरिकी नागरिकों को भारत यात्रा न करने की सलाह दी है।  क्योंकि यहां अन्ना भ्रष्टाचार के टीके की खोज में जोर-षोर से लगे हैं। ऐसे में अगर विरोधी पार्टी का कोई सदस्य भ्रष्टाचार के टीके की टेक्नोलॉजी सीख लेगा तोे क्रेडिट वह ले जाएगा ।
यह भी कहा जा रहा है कि ओबामा को डर है कि उसके नागरिक भारत यात्रा के दौरान भ्रष्टाचार के वाइरस संक्रमित हो सकते हैं। ओबामा यह भी चाहते हैं कि अमेरिकी नागरिक जहां तख्ता पलट हो चुका है या होने की संभावना है वहां सावधानी से यात्रा करें।
कहा जा रहा है कि अमेरिका को डर है कि अगर पाकिस्तानी नागरिकों की तरह अमेरिकी प्रदर्षनकारीे भी कभी अन्ना हजारे को अमेरिका आकर भ्रष्टाचार के विरूद्ध आन्दोलन कीे अगुवायी करने का निमंत्रण दे दिया तो वह फिर किस मुंह से अन्ना रोकेगा। पाकिस्तान तो रॉ का एजेंट बताकर अन्ना को रोक सकता है लेकिन अमेरिका क्या कहकर रोकेगा।





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