हास्य-व्यंग्य का रंग गोपाल तिवारी के संग
सोमवार, 7 मई 2012
मै सोलह श्रृंगार कर ली
क्रीम पोतकर मै सोलह श्रृंगार कर ली
काजल लगाकर मै उनको प्यार कर ली
मुझे देखकर उनके प्राण पखेरू उड़ गए
तब उनकी अंतरात्मा की शांति के लिए
मैने हनुमान चालीसा की पाठ कर दी
शनिवार, 5 मई 2012
जय हो निर्मल बाबा की
तंत्र चले ना मंत्र
ना रहे दुखों का घेरा
भाग्य उदय हो जायेगा
बस नोटों का बंडल तू देता ज़ा चेला
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